Rang Ekadashi 2024 : रंग एकादशी 20 मार्च, जानिए व्रत की तारीख, समय, महत्व, इतिहास और कांठ में जुलूस की तैयारी | Festivals | History | India | The Amit Gahlyan
रंग एकादशी, जो 20 मार्च को मनाएंगे, हिन्दू कैलेंडर के अनुसार फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पड़ती है। यह दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा और उपवास के लिए समर्पित होता है। इसे 'रंगबरसी एकादशी' के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इस दिन प्रेमी-प्रेमिका, मित्रों और परिवार के सदस्यों के साथ होली के रंगों से खेलने की परंपरा है।
तिथि और समय :
इस साल रंगभरी एकादशी तिथि 20 मार्च को रात 12 बजकर 21 मिनट से शुरू होकर 21 मार्च को सुबह 2 बजकर 22 मिनट पर खत्म होगी.
ऐसे में रंगभरी एकादशी व्रत 20 मार्च को रखा जाएगा. वहीं, व्रत पारण समय 21 मार्च की सुबह 6 बजकर 28 मिनट से 8 बजकर 13 मिनट तक रहेगा.
रंग एकादशी का महत्व:
हिन्दू धर्म में, एकादशी का व्रत सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि मान्यता है कि इसे करने से पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
रंग एकादशी कैसे मनाये :
रंग एकादशी का उत्सव मनाने के लिए, आप सुबह जल्दी उठकर स्नान कर सकते हैं और फिर भगवान विष्णु की प्रतिमा के सामने दीपक जला सकते हैं। पूजा के दौरान, आप फूल, तुलसी के पत्ते, धूप, और प्रसाद का भोग लगा सकते हैं। इसके बाद, पूरे दिन में केवल 'एकादशी' का खाना (जो कि सात्विक हो) खाया जा सकता है, और कुछ लोग पूरे दिन उपवास भी करते हैं।
होली के रंगों के साथ, प्रेमी-प्रेमिका, मित्रों, परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर होली मनाना, संगीत, नृत्य, और मिठाइयों का आनंद लेना - यह सब 'रंग' की होली मनाने का हिस्सा है।
रंग एकादशी का इतिहास :
रंग एकादशी हिन्दू कैलेंडर के अनुसार वर्ष के विभिन्न समयों में मनाई जाने वाली एक प्रमुख त्योहार है। २० मार्च को मनाई जाने वाली रंग एकादशी का अपना एक विशेष महत्व है, क्योंकि यह होली के पर्व से संबंधित होती है।
इतिहास के पन्नों में, रंग एकादशी का उल्लेख प्राचीन समय से ही मिलता है, जहाँ परंपरा के अनुसार, लोग इस दिन को प्रेम और समरसता के प्रतीक के रूप में मनाते हैं।
होली से पहले की एकादशी को 'रंगभरी एकादशी' कहा जाता है, जिसमें प्रेमिका-प्रेमी, मित्र-परिवार सभी मिलकर रंगों से होली मनाते हैं। २० मार्च को मनाई जाने वाली रंग एकादशी, होली के पर्व का प्रतीक है, जहाँ समस्त समुदाय के लोग समरसता के साथ मिल-जुलकर होली मनाते हैं।
रंगों का यह पर्व, समुदाय में समरसता, प्रेम, सह-अस्तित्व, और समुदायिक सह-संस्कृति को प्रोत्साहित करता है।
रंग एकादशी के पावन अवसर पर 20 मार्च को कांठ में शोभायात्रा की तैयारियां जोरों पर हैं। इस दिन, समस्त नगरवासी उत्साह और उमंग के साथ इस शोभायात्रा में सम्मिलित होते हैं। एकादशी के इस पर्व पर, विभिन्न समुदायों के लोग मिलकर सांस्कृतिक समरसता का प्रदर्शन करते हैं।
शोभायात्रा की तैयारी में, स्थानीय कलाकारों द्वारा रंग-बिरंगे पोशाकों का चुनाव किया जा रहा है, संगीतकारों द्वारा मनमोहक संगीत की धुनें तैयार की जा रही हैं, और समुदाय के सदस्यों द्वारा पुष्प-सज्जा, मिठाइयों, और प्रसाद की व्यवस्था की जा रही है।
Comments
Post a Comment